मोमिन हुब्बे अली (अलैहिस्सलाम) के बग़ैर नहीं रह सकता


जिस तरह मछली पानी के बग़ैर नहीं रह सकती, उसी तरह मोमिन हुब्बे अली (अलैहिस्सलाम) के बग़ैर नहीं रह सकता।
- शैख़ुल इस्लाम डॉ ताहिरुल क़ादरी

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